झारखंड: जंगलों और प्राकृतिक सौंदर्य की भूमि

झारखंड, जो भारत के पूर्वी भाग में स्थित है, अपनी विशाल संपदा, झरनों, खनिज संसाधनों और समृद्ध जनजातीय संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। यह 15 नवंबर 2000 को बिहार से अलग होकर एक नया राज्य बना। अपनी मनोरम प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक महत्व और विविध सांस्कृतिक विरासत के कारण, झारखंड प्रकृति और संस्कृति का अनूठा संगम है।

भूगोल और जलवायु

झारखंड का कुल क्षेत्रफल लगभग 79,714 वर्ग किलोमीटर है और यह बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश से घिरा हुआ है। राज्य का बड़ा भाग जंगलों, पहाड़ियों और नदियों से आच्छादित है, जिससे यह प्रकृति प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थल बन जाता है। छोटानागपुर पठार झारखंड के भौगोलिक स्वरूप का प्रमुख हिस्सा है, जबकि इसके पूर्वी भाग में राजमहल पहाड़ियाँ और सबसे ऊँची चोटी पारसनाथ पर्वत स्थित है। प्रमुख नदियाँ जैसे दामोदर, सुवर्णरेखा, कोयल और बराकर यहाँ बहती हैं, जो कृषि और जलविद्युत उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण हैं।

यहाँ की जलवायु उष्णकटिबंधीय है, जिसमें गर्मी के मौसम में तीव्र गर्मी, मानसून में भारी वर्षा और सर्दियों में ठंडक रहती है। सर्दियों का मौसम झारखंड की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक पर्वों का आनंद लेने के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है।



संस्कृति और जनजातियाँ

झारखंड अपनी समृद्ध जनजातीय संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ की लगभग 30% जनसंख्या संथाल, मुंडा, हो, उरांव और खड़िया जैसी आदिवासी जातियों से संबंधित है। ये जनजातियाँ अपनी पारंपरिक रीति-रिवाजों, संगीत, नृत्य और कला को पीढ़ियों से संजोए हुए हैं। यहाँ के प्रसिद्ध नृत्य रूपों में छऊ, झूमर और पैका प्रमुख हैं, जो त्योहारों और उत्सवों के दौरान प्रस्तुत किए जाते हैं।

राज्य में अनेक त्योहार मनाए जाते हैं, जिनमें सरहुल, करमा, सोहराय और टुसू प्रमुख आदिवासी पर्व हैं। ये त्योहार प्रकृति और यहाँ के जनजातीय समाज के गहरे संबंध को दर्शाते हैं। इसके अलावा, दिवाली, होली, ईद और क्रिसमस जैसे अन्य मुख्यधारा के त्योहार भी यहाँ धूमधाम से मनाए जाते हैं।

प्राकृतिक सुंदरता और पर्यटन स्थल



झारखंड प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। यहाँ के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल हैं:

  • नेतरहाट

  • खूबसूरत पहाड़ी स्थल, जो अपने सूर्योदय और सूर्यास्त के दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है।
  • पतरातू घाटी – हरी-भरी पहाड़ियों और घुमावदार सड़कों के लिए प्रसिद्ध स्थान।
  • दशम फॉल्स, हुंडरू फॉल्स और जोन्हा फॉल्स – रांची के आसपास स्थित सुंदर जलप्रपात।
  • पारसनाथ पहाड़ी – एक प्रमुख जैन तीर्थस्थल और झारखंड की सबसे ऊँची चोटी।
  • हजारीबाग राष्ट्रीय उद्यान और बेतला राष्ट्रीय उद्यान – जहाँ बाघ, हाथी और विभिन्न वन्यजीव पाए जाते हैं।

झारखंड के अछूते जंगल और सुरम्य स्थल इसे पर्यावरण प्रेमियों और साहसिक यात्रियों के लिए आदर्श स्थान बनाते हैं।

खनिज संपदा और अर्थव्यवस्था



झारखंड को "भारत का खनिज राज्य" कहा जाता है, क्योंकि यहाँ देश के कुल खनिज भंडार का लगभग 40% पाया जाता है। यह कोयला, लौह अयस्क, तांबा, अभ्रक, बॉक्साइट और यूरेनियम जैसे खनिजों से समृद्ध है। राज्य भारत के औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जहाँ जमशेदपुर, रांची, बोकारो और धनबाद जैसे शहर इस्पात, ऊर्जा और खनन उद्योगों के प्रमुख केंद्र हैं।

निष्कर्ष

झारखंड प्राकृतिक सुंदरता, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और आर्थिक महत्व से परिपूर्ण राज्य है। इसके झरने, जंगल, जनजातीय परंपराएँ और औद्योगिक प्रगति इसे एक अनोखा स्थान बनाते हैं। सतत विकास और पर्यटन को बढ़ावा देकर, झारखंड भारत के प्रमुख गंतव्यों में से एक बन सकता है।

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